Nojoto: Largest Storytelling Platform

वजूद तो कुछ है नहीं मेरा, फिर भी कुछ तो है, जो मिट

वजूद तो कुछ है नहीं मेरा,
फिर भी कुछ तो है, जो मिटाने लगा हूं।
मौत आई नहीं है अब तलक मेरी,
मगर लिख-लिखकर अपने हीं जनाजे सजाने लगा हूं।

अब तो आदत सी हो गई है लोगों को जाते देखने की,
तभी तो सबको जाता देख मुस्कुराने लगा हूं।
गर्मी बहुत है आज के ज़माने में,
इसलिए आंखों से बरसात कराने लगा हूं।

एक दौर था, जब मिशाल हुआ करता था इश्क़ मेरा,
अब अपनी हीं कहानी भुलाने लगा हूं।
इश्क़ तो बहुत किया था हमने भी,
किसी ने लिया नहीं तो दफनाने लगा हूं।

ये बारिशें भले हीं बुझाती है आग ज़माने भर की,
मै भींग कर ख़ुदको जलाने लगा हूं।
मौत आई नहीं है अब तलक मेरी,
मगर लिख-लिखकर अपने हीं जनाजे सजाने लगा हूं। 💔
#love #poetry #shayari #poem #nojoto #quote #ishQ
वजूद तो कुछ है नहीं मेरा,
फिर भी कुछ तो है, जो मिटाने लगा हूं।
मौत आई नहीं है अब तलक मेरी,
मगर लिख-लिखकर अपने हीं जनाजे सजाने लगा हूं।

अब तो आदत सी हो गई है लोगों को जाते देखने की,
तभी तो सबको जाता देख मुस्कुराने लगा हूं।
गर्मी बहुत है आज के ज़माने में,
इसलिए आंखों से बरसात कराने लगा हूं।

एक दौर था, जब मिशाल हुआ करता था इश्क़ मेरा,
अब अपनी हीं कहानी भुलाने लगा हूं।
इश्क़ तो बहुत किया था हमने भी,
किसी ने लिया नहीं तो दफनाने लगा हूं।

ये बारिशें भले हीं बुझाती है आग ज़माने भर की,
मै भींग कर ख़ुदको जलाने लगा हूं।
मौत आई नहीं है अब तलक मेरी,
मगर लिख-लिखकर अपने हीं जनाजे सजाने लगा हूं। 💔
#love #poetry #shayari #poem #nojoto #quote #ishQ