दर्द में जो पीठ सहलाए, साथ खड़े हो, अपनेपन का मरहम लगाए। दर्द से झूझने का, होंसला बढ़ाए, साथ में जिसके, हर दर्द मामूली सा नज़र आए। दर्द पर, जिसका प्यार भारी पड़ जाए, साथ से जिसके, होंठ ही नहीं, रूह मुस्कुराए। दर्द से अकेले झूझना तो दूर, रास्ते से, जो हर दर्द भगाए, हे प्रभु! सबको ज़िन्दगी में, एक ऐसा फरिश्ता मिल जाए। #फरिश्ता