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माना अभी भटक रहे हैं हम दर - बदर इस भरी दुनिया में

माना अभी भटक रहे हैं हम दर - बदर इस भरी दुनिया में,
कभी ना कभी कहीं ना कहीं तो मेरा भी एक ठिकाना होगा।

बेरंग सी है दुनिया मेरी और रंगों से मेरा कोई वास्ता नहीं है
पर दिल की ख्वाहिश है मेरा भी कोई रंग रंगीला यार होगा।

डरता नहीं ये दिल तूफानों से हालातों से लड़ना सीख रहा है,
उतर पड़ी है जब भंवर में नाँव तो कहीं कोई तो किनारा होगा।

राह-ए-मोहब्बत में महबूब के संग-संग चलने की आरजू है,
मेरा भी कभी किसी मनचले यार के प्यार से दोस्ताना होगा।

दोस्ती व विश्वास की नींव पर"एक सोच"को प्रेम का महल बनाना है,
मेरे प्यार का भी कभी ना कभी छोटा सा कहीं तो आशियाना होगा।  ❤ प्रतियोगिता- 333

 ❤आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा विषय है 

 👉🏻🌹"कहीं तो आशियाना होगा"🌹 
🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य  है I कृप्या 
केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
माना अभी भटक रहे हैं हम दर - बदर इस भरी दुनिया में,
कभी ना कभी कहीं ना कहीं तो मेरा भी एक ठिकाना होगा।

बेरंग सी है दुनिया मेरी और रंगों से मेरा कोई वास्ता नहीं है
पर दिल की ख्वाहिश है मेरा भी कोई रंग रंगीला यार होगा।

डरता नहीं ये दिल तूफानों से हालातों से लड़ना सीख रहा है,
उतर पड़ी है जब भंवर में नाँव तो कहीं कोई तो किनारा होगा।

राह-ए-मोहब्बत में महबूब के संग-संग चलने की आरजू है,
मेरा भी कभी किसी मनचले यार के प्यार से दोस्ताना होगा।

दोस्ती व विश्वास की नींव पर"एक सोच"को प्रेम का महल बनाना है,
मेरे प्यार का भी कभी ना कभी छोटा सा कहीं तो आशियाना होगा।  ❤ प्रतियोगिता- 333

 ❤आज की ग़ज़ल प्रतियोगिता के लिए हमारा विषय है 

 👉🏻🌹"कहीं तो आशियाना होगा"🌹 
🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य  है I कृप्या 
केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I