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क्या हुआ ग़र पतझड़ आ गया बहारों से पहले क्या हुआ ग


क्या हुआ ग़र पतझड़ आ गया बहारों से पहले
क्या हुआ ग़र कश्ती हिलने लगी किनारों से पहले

कश्मकश में डालने को कई दोराहे भी हैं
क्या हुआ ग़र कोई शर्त हम हारे भी हैं

सावन सूखे नहीं हैं,अभी बरसात बाकी है 
मयख़ाने खुले हैं जब तक प्यास बाकी है

सवेरा होने को है जल्द ही और तब तक..
अंधेरों से लड़ने को कुछ चिराग़ बाकी हैं क्या हुआ अगर...
#क्याहुआ #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi

क्या हुआ ग़र पतझड़ आ गया बहारों से पहले
क्या हुआ ग़र कश्ती हिलने लगी किनारों से पहले

कश्मकश में डालने को कई दोराहे भी हैं
क्या हुआ ग़र कोई शर्त हम हारे भी हैं

सावन सूखे नहीं हैं,अभी बरसात बाकी है 
मयख़ाने खुले हैं जब तक प्यास बाकी है

सवेरा होने को है जल्द ही और तब तक..
अंधेरों से लड़ने को कुछ चिराग़ बाकी हैं क्या हुआ अगर...
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