फासलों की वजह से मुलाकातें लाचार हैं, पर मुझसे अलग ना हो ऐसा तू मेरा यार है। याद है वो चाय, जो हम रात को पीते थे ? तेरे बगैर आजकल उसका स्वाद बीमार है। मिलके की थी शरारतें, सजा़ भी काटी थी, अकेले गुनाह करना भी अब कुछ बेकार है। तू अगला मैं पिछला हूँ चक्का उस गाडी का जिसपे बेलगाम, बेबाक दोस्ती ये सवार है। #december #TuMeraYaarHai