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मैंने देखा अपने बचपन को तो रोना थोड़ा और आगया एक

मैंने देखा अपने बचपन को 
तो रोना थोड़ा और आगया 

एक दिन यूँही अकेले बैठी थी मैं 
किस्मत को थोड़ा कोसा भी गया 

रोज़ होती परेशानियों को लेके 
अंदर से गुस्सा भी निकल गया 

सोचा काश मैं छोटी होती 
सोचा काश परेशानी थोड़ी कम होती 

बस फिर यूँही बैठी अकेले  थी मैं 
बचपन के पल को भी सोचा गया 

रोते घर वाले याद आए उस पल 
आखिर उनके लड़के की जगह बोझ आगया 

थोड़ा आगे बढ़ी लम्हों में बचपन के 
हैवानो ki हरकत याद कर रोना निकालगाया 

बस फिर यूँही बैठी अकेले  थी मैं 
बचपन के और पलों को भी सोचा गया

©Tanisha's Tones
  BACHPAN KE WAQT NE BHI AAJ MEIN RULA DIYA ❤️

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BACHPAN KE WAQT NE BHI AAJ MEIN RULA DIYA ❤️ #Unfair #tears #poetrymonth #Poet #bacpan #lonliness #Poetry

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