ग़म जमाने के दफ़न इस दिल में है कई सैलाब थाम रखे जज़्बातों के है कई। महफ़िल में शिरकत हुए जब आज हम चर्चा सरेआम फिर से है जो तेरी हुई। यादों ने कुरेदा ज़ख्मों को इस कदर कहर दर्द की छलकती आँखें बयां कर गई। नम पलकों के तले बिखरे थे सपने कई तारीफें मिली हर जगह मोहब्बत मिली ना कहीं।। ♥️ Challenge-937 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।