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#एक_शहज़ादी जिस दिन तू पैदा हुई , उसी दिन घर में

#एक_शहज़ादी

जिस दिन तू पैदा हुई ,
उसी दिन घर में खुशियों की दस्तक हुई ,
तेरी मां ने तेरे माथे को  चूमा होगा ,
बाप ने अपने कलेजे से लगाया होगा ।

धीरे-धीरे तू बड़ी हो गई ,
घर की सबसे चहेती बन गई ,
मां ने अपनी गोद में सुलाया होगा ,
बाप , बाजार से खिलौने लाया होगा ।

अब तू स्कूल पढ़ने जाने लगी ,
घर का सारा काम खुद ही करने लगी ,
मां की चिंता अब दूर हो गई ,
तेरे बाप को तुझ पर नाज़ हुआ होगा ।

साल बीतते गए ; पढ़ाई पूरी हो चली ,
अब तो तू ग्रेजुएट भी हो गई ,
मां को अब तेरी शादी की चिंता हुई होगी ,
बाप को बेचैनी ने सताया होगा ।

लड़के वालों ने तुझे पसंद भी कर लिया ,
और तू शरमाकर अंदर चली गई ,
दहेज के खातिर मां मजदूरी करने लगी ,
और बाप ने धूप में पसीना बहाया होगा ।

बारात दरवाजे पर आ गई ,
अब दिल की धड़कन भी तेज हो गई ,
मां ने तुझे चुनरी से सजाया होगा ,
और बाप दावत का इंतजाम किया होगा ।

अगले दिन विदाई की घड़ी आ गई ,
ना चाहते हुए भी तू रोते हुए डोली में बैठ गई ,
कैसे तेरी मां अपने आंसुओं को रोंकी होगी ,
कैसे तेरा बाप ,  उस रात सोया होगा ।

अगले दिन से पूरे घर में शांति छा गई  ,
अब तो शहजादी किसी दूसरे घर की हो गई ,
अभी भी तेरी मां गुमसुम बैठी होगी ,
और बाप कर्ज चुकाने की सोच रहा होगा ।

©Mayank Kumar 'Aftaab' #एक_शहज़ादी

जिस दिन तू पैदा हुई ,
उसी दिन घर में खुशियों की दस्तक हुई ,
तेरी मां ने तेरे माथे को  चूमा होगा ,
बाप ने अपने कलेजे से लगाया होगा ।

धीरे-धीरे तू बड़ी हो गई ,
#एक_शहज़ादी

जिस दिन तू पैदा हुई ,
उसी दिन घर में खुशियों की दस्तक हुई ,
तेरी मां ने तेरे माथे को  चूमा होगा ,
बाप ने अपने कलेजे से लगाया होगा ।

धीरे-धीरे तू बड़ी हो गई ,
घर की सबसे चहेती बन गई ,
मां ने अपनी गोद में सुलाया होगा ,
बाप , बाजार से खिलौने लाया होगा ।

अब तू स्कूल पढ़ने जाने लगी ,
घर का सारा काम खुद ही करने लगी ,
मां की चिंता अब दूर हो गई ,
तेरे बाप को तुझ पर नाज़ हुआ होगा ।

साल बीतते गए ; पढ़ाई पूरी हो चली ,
अब तो तू ग्रेजुएट भी हो गई ,
मां को अब तेरी शादी की चिंता हुई होगी ,
बाप को बेचैनी ने सताया होगा ।

लड़के वालों ने तुझे पसंद भी कर लिया ,
और तू शरमाकर अंदर चली गई ,
दहेज के खातिर मां मजदूरी करने लगी ,
और बाप ने धूप में पसीना बहाया होगा ।

बारात दरवाजे पर आ गई ,
अब दिल की धड़कन भी तेज हो गई ,
मां ने तुझे चुनरी से सजाया होगा ,
और बाप दावत का इंतजाम किया होगा ।

अगले दिन विदाई की घड़ी आ गई ,
ना चाहते हुए भी तू रोते हुए डोली में बैठ गई ,
कैसे तेरी मां अपने आंसुओं को रोंकी होगी ,
कैसे तेरा बाप ,  उस रात सोया होगा ।

अगले दिन से पूरे घर में शांति छा गई  ,
अब तो शहजादी किसी दूसरे घर की हो गई ,
अभी भी तेरी मां गुमसुम बैठी होगी ,
और बाप कर्ज चुकाने की सोच रहा होगा ।

©Mayank Kumar 'Aftaab' #एक_शहज़ादी

जिस दिन तू पैदा हुई ,
उसी दिन घर में खुशियों की दस्तक हुई ,
तेरी मां ने तेरे माथे को  चूमा होगा ,
बाप ने अपने कलेजे से लगाया होगा ।

धीरे-धीरे तू बड़ी हो गई ,