हां जी, मैं कुड़ी आ मनु इदा क्यों तकदे ओ, की क़सूर आ मेरा, जो ऐसी निगाह वांग तकदे ओ, मैंनु वी हक ए खुल के जिऊं दा, की तुसी अपनी घर दी धी नु वी इदा तकदे ओ।। निक्की जेहि कुड़ी कुड़ी- लड़की धी - बेटी तकदे- देखना वांग- इस तरह निगाह- नज़र