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रातों-रात जो खिंची लकीरें बाँटा जो नक़्शा ,त्योहा

रातों-रात जो खिंची लकीरें

बाँटा जो नक़्शा ,त्योहार बटे
बाँटे जो गाँव, परिवार बटे
बाँटे पर्वत ,बाँटी नदियाँ
बाँटी सड़के ,बाँटी गालियाँ

संस्कृति का नाश हुआ उस पार
एक लकीर के खिचने से 
हिंदी का सर्वनाश हुआ उस पार
एक लकीर के खिचने से 

लकीरों में अभी भी दूरी है
ये आज़ादी अभी अधूरी है ।

ख़ून की बहती नदियों को देख,
गंगा की धारा भड़क उठी
खंडित होते भारत को देख,
आत्मा भारत की तड़प उठी

ये बँटवारा समझ नही आता
जिसने अपनो को ही बाँट दिया
ये आज़ादी समझ नही आती
जिसने भारत को ही काट दिया ?

लकीरों में आज भी दूरी है
ये आज़ादी अभी अधूरी है ।। #yqdidi #yqquotes #india #partition #bharat #independenceday #independence #bharatmatakijai
रातों-रात जो खिंची लकीरें

बाँटा जो नक़्शा ,त्योहार बटे
बाँटे जो गाँव, परिवार बटे
बाँटे पर्वत ,बाँटी नदियाँ
बाँटी सड़के ,बाँटी गालियाँ

संस्कृति का नाश हुआ उस पार
एक लकीर के खिचने से 
हिंदी का सर्वनाश हुआ उस पार
एक लकीर के खिचने से 

लकीरों में अभी भी दूरी है
ये आज़ादी अभी अधूरी है ।

ख़ून की बहती नदियों को देख,
गंगा की धारा भड़क उठी
खंडित होते भारत को देख,
आत्मा भारत की तड़प उठी

ये बँटवारा समझ नही आता
जिसने अपनो को ही बाँट दिया
ये आज़ादी समझ नही आती
जिसने भारत को ही काट दिया ?

लकीरों में आज भी दूरी है
ये आज़ादी अभी अधूरी है ।। #yqdidi #yqquotes #india #partition #bharat #independenceday #independence #bharatmatakijai