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कोहरा सा छाया हैं वो मौसम ना जाने कहा गया । हाथ से

कोहरा सा छाया हैं वो मौसम ना जाने कहा गया ।
हाथ से छूटता वो धुंआ बदल कर बादल बन गया।
मुठ्ठी में सिमटती सी जिन्दगी मेरी खुलते ही ना जाने किस ओर बढ़ता चला गया। ##धुंए मेसिमती जिन्दगी
कोहरा सा छाया हैं वो मौसम ना जाने कहा गया ।
हाथ से छूटता वो धुंआ बदल कर बादल बन गया।
मुठ्ठी में सिमटती सी जिन्दगी मेरी खुलते ही ना जाने किस ओर बढ़ता चला गया। ##धुंए मेसिमती जिन्दगी
chaitsunny8225

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