दिल में भर दे कई ज़ज्बात.... ये है इक खूबसूरत सुबह, का आगाज़ सुप्रभात सभी जुगलबंदी वासियों के। "ओस भरी सुबह पावन धरा को कर दें मेरे व्याकुल मन में आत्मसंतुष्टि भर दें" "आईए जुगलबंदी करें इस रात से भरी छवि व वाक्यांश के साथ और बताएँ कि क्या विचार आते हैं आपके मन में ओस भरी सुबह को देख कर"