ढाई अक्षर प्रेम के, ❤मर्म ना जानें कोय। जो जानें इस मर्म को मीरा सा वैरागी होय।। इस प्रेम को पंथ कराल महा पार ना पावे कोय। सब डूबें मझधार बीच,बच पावे कोय कोय।।✍ ___smile 💜💙💛💚♥ #ढाई आखर प्रेम के #लव ♥💚💚💛💛💙💜❤