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बड़े मर्द हैं भय्या हम, कहते फिरें जमाने से, मर्दां

बड़े मर्द हैं भय्या हम, कहते फिरें जमाने से,
मर्दांगी हमारी निखर जाएगी नई औरतों को आजमाने से।।

किसी से इश्क नहीं करते हैं कोई मर्द कभी ,
महबूबा थोड़ी बनती है औरत एक रात बिताने से।।

वो तो जवानी ठंडी करनी थी तो ब्याह कर लिया,
अब बीवी थोड़ी बन जाएगी  सिंदूर का टीका लगाने से।।

औऱ हाँ बाप ने उसके दहेज़ कम दिया,
मुझे  फ़र्क़ नहीं पड़ता उसके जीने से मर जाने से।।

एक नहीं दो नहीं जितनी चाहे लाएंगे,
औरत तो बस पुतला है मिल जाती है भाव लगाने से।। कब तक शर्मशार करोगे मर्द जात को, कब तक अपनी घिनौनी हरकतों से बाज आओगे।
जब कूबत नहीं है पालने की किसी को तो घर लाते हो क्यों हो, और अगर हवस ही पूरी करनी है तो ज़हर खा लो मर जाओ, क्योंकि ऐसे लोगों की इस दुनिया को जरूरत नहीं।बाप की पूरी ज़िंदगी बेटी ब्याह कराने में लग जाता है, और तुम उसी बेटी की कद्र नही करते। अरे अब बन्द करो हैवानियत अपनी पढ़े लिखे लोगों। दहेज़ लेना बंद करो। कूबत हो पालने की तो ब्याह करो नही तो जहर खाओ और मर जाओ। घिन आती है जब ऐसे समाज का हिस्सा हूँ सोचता भी हूँ तो।
#आयशा माफ् करना बेहन। अल्लाह करे फिर तुम कभी इन मनहूस इन्सानों की सकल न देख पाओ।।
#yqbaba #yqdidi  #stop #dowry #respect #woman 
#quote
बड़े मर्द हैं भय्या हम, कहते फिरें जमाने से,
मर्दांगी हमारी निखर जाएगी नई औरतों को आजमाने से।।

किसी से इश्क नहीं करते हैं कोई मर्द कभी ,
महबूबा थोड़ी बनती है औरत एक रात बिताने से।।

वो तो जवानी ठंडी करनी थी तो ब्याह कर लिया,
अब बीवी थोड़ी बन जाएगी  सिंदूर का टीका लगाने से।।

औऱ हाँ बाप ने उसके दहेज़ कम दिया,
मुझे  फ़र्क़ नहीं पड़ता उसके जीने से मर जाने से।।

एक नहीं दो नहीं जितनी चाहे लाएंगे,
औरत तो बस पुतला है मिल जाती है भाव लगाने से।। कब तक शर्मशार करोगे मर्द जात को, कब तक अपनी घिनौनी हरकतों से बाज आओगे।
जब कूबत नहीं है पालने की किसी को तो घर लाते हो क्यों हो, और अगर हवस ही पूरी करनी है तो ज़हर खा लो मर जाओ, क्योंकि ऐसे लोगों की इस दुनिया को जरूरत नहीं।बाप की पूरी ज़िंदगी बेटी ब्याह कराने में लग जाता है, और तुम उसी बेटी की कद्र नही करते। अरे अब बन्द करो हैवानियत अपनी पढ़े लिखे लोगों। दहेज़ लेना बंद करो। कूबत हो पालने की तो ब्याह करो नही तो जहर खाओ और मर जाओ। घिन आती है जब ऐसे समाज का हिस्सा हूँ सोचता भी हूँ तो।
#आयशा माफ् करना बेहन। अल्लाह करे फिर तुम कभी इन मनहूस इन्सानों की सकल न देख पाओ।।
#yqbaba #yqdidi  #stop #dowry #respect #woman 
#quote
murlibhagat7860

Murli Bhagat

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