तुम मुझे मिलोगी जब ये बनारस की घाट पर उस दिन मां गंगा की शांत लहरों में समंदर सा उफ़ान आयेगा ! तुम्हारे नेत्रों में दिखेंगे जब गंगा में चमकते दिए ! उस दिन उन लहरों को अभिमान होगा तुम्हारे नेत्रों में चमकने का ! उस दिन संभवतः मेरा हृदय तुमपे पार पाएगा ! संभवतः कुछ ना भी दिख इस संसार में फिर भी तुम्हारी आस में ये हर धाम जाएगा ! तुम स्वीकार लो जो मेरा प्रेम तोविजयी है यह , अन्यथा, मेरा हृदय संसार से हार जाएगा । ©बेजुबान शायर shivkumar तुम मुझे मिलोगी जब ये #बनारस की #घाट पर उस दिन मां #गंगा की शांत #लहरों में समंदर सा उफ़ान आयेगा ! तुम्हारे #नेत्रों में दिखेंगे जब गंगा में #चमकते दिए ! उस दिन उन लहरों को #अभिमान होगा