तमन्ना सरपरस्ती की, दौर-ए-जरपरस्ती में ! इसे ना खुदकुशी कहिए,भला फिर और क्या कहिए। शुकर है हौसला बाकी, बहुत कुछ हार जाने का, इसे ना बंदगी कहिए, भला फिर और क्या कहिए ।। मेरी बंदगी