सूरज की किरणों पर फलक में बैठ जाता हूं जुल्फें उसकी बेशक छांव में रखती जाती है कितना भी अनुपात करूं कितना भी हो शहरीकरण उसकी केश की खुशबू बेशक गांव में रखती जाती है ~कुनाल माहेश्वरी #Village #sun #zulfe #love #peace