"कहाँ रह गया..." कहाँ रह गया... वो "अपनापन" दिलों का.. जो जोड़ता था सभी को.. एक रखता था पास-पड़ोस को..! कहाँ रह गया वो "भाईचारा"... जो बाँधता था एक डोर में... मज़बूत करता था समाज की नींव को..! कहाँ रह गया वो "संयुक्त परिवार".. जो देता था भरपूर दुलार बच्चों को.. जिसकी छत्रछाया में पलते थे घर के 'बाल' कहाँ रह गया वो "आदर-सम्मान" जो उमड़ पड़ता था देख हर इक बड़े को.. बड़ों की आज्ञा थी "पत्थर की लकीर" छोटों को...! कहाँ रह गया वो "नारी जाति का गुणगान" जो कहता था स्त्री को "घर की लक्ष्मी" देता था उसे दर्जा 'देवी' का...! कहाँ रह गया वो "गुरुकुल का शिष्य" जिसके लिए "गुरु-कथन" था सर्वोपरि "गुरु-आज्ञा" थी जिसके लिए "ईश्वर-आज्ञा" कहाँ रह गया.. वो हमारा समाज जो था भारतीय संस्कृति की पहचान...! मुनेश शर्मा मेरी✍️🌈🌈🌈 कहाँ रह गया..... #कहाँरहगया #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi