Nojoto: Largest Storytelling Platform

यादों की बौछारों से जब पलकें भीगने लगती हैं सोंधी

यादों की बौछारों से जब पलकें भीगने लगती हैं
सोंधी सोंधी लगती है तब दिलबर की रुस्वाई भी
यादों की बौछारों से जब पलकें भीगने लगती हैं
सोंधी सोंधी लगती है तब दिलबर की रुस्वाई भी