आजकल मैं सुबह सुबह शाम लिये फिरता हूँ, कांटों भरे रास्तों पर मैं गुलाब लिये फिरता हूँ, कि मैं दिल में तूफ़ान और आँखों में दरिया लिए फिरता हूँ, कभी कभी, मैं बेवक्त हाथों में जाम लिए फिरता हूँ, कि तुम्हारे लिए लबों पर पैग़ाम लिए फिरता हूँ, तुम देख ना पाओगे, कभी मैं दिल में तूफ़ान लिये फिरता हूँ, कि जग के लिए मन, मैं मेरे होंठो पर मुस्कान लिये फिरता हूँ। कोई शाम आए तो पता मेरा भी देना उसे मैं बदनामी का इनाम लिये फिरता हूँ। #mywords #Anjirawat #mylife #Stars&Me