सीढ़ियां जैसे चढ़ती हैं वैसे उतरती भी हैं फिर जैसे उतरती हैं वैसे चढ़ती भी हैं ये ज़िन्दगी के उतार-चढ़ाव की निशानी सी हैं हम सब के ज़िन्दगी की कहानी सी हैं == Sidhiyan Jaise Chadhti Hai Waise Utarati Bhi Hai Fir Jaise Utarati Hai Waise Chadhati Bhi Hai Ye Zindagi Ke Utar-Chadhaw Ki Nishani Si Hai Ham Sab Ke Zindagi Ki Kahani Si Hai *_Ashraf Fani Kabir सीढ़ियां जैसे चढ़ती हैं वैसे उतरती भी हैं फिर जैसे उतरती हैं वैसे चढ़ती भी हैं ये ज़िन्दगी के उतार-चढ़ाव की निशानी सी हैं हम सब के ज़िन्दगी की कहानी सी हैं