घर बैठकर घर चलाना, बेकार तो नहीं है । सुबह उठकर बच्चों को तैयार करना, उनका नाश्ता बनाना, उनके बस्ते तैयार करना, फिर कुछ देर बाद पति को उठाना, उनके ऑफिस जाने के लिए खुद दौड़ाना, बेकार तो नहीं है। फिर पूरा दिन घर का काम करना और कुछ देर आराम करना बेकार तो नहीं है । फिर शाम तक बच्चों का आना उनकी मर्जीयों को पूरा करना, फिर वही पतिके लिए भी दोहराना बेकार तो नहीं है । रात को उन्हे खाना खिलाना खुद कुछ कम ही खाना बेकार तो नहीं है । रात को पति का सताना और उनकी खुशी के लिए दिन भर की थकान भूल जाना बेकार तो नहीं है । हां !! घर बैठकर घर चलाना बेकार तो नहीं है । #respect #housemakers घर बैठकर घर चलाना, बेकार तो नहीं है । सुबह उठकर बच्चों को तैयार करना, उनका नाश्ता बनाना, उनके बसते तैयार करना, फिर कुछ देर बाद पति को उठाना, उनके ऑफिस जाने के लिए खुद दौड़ाना, बेकार तो नहीं है। फिर पूरा दिन घर का काम करना और कुछ देर आराम करना बेकार तो नहीं है । फिर शाम तक बच्चों का आना उनकी मर्जीयों को पूरा करना, फिर वही पतिके लिए भी दोहराना बेकार तो नहीं है । रात को उन्हे खाना खिलाना खुद कुछ कम ही खाना बेकार तो नहीं है । रात को पति का सताना और उनकी खुशी के लिए दिन भर की थकान भूल जाना बेकार तो नहीं है । हां !! घर बैठकर घर चलाना बेकार तो नहीं है । #vibrant_writer #pritliladabar #बेकारनहीं #yqdidi #challenge #YourQuoteAndMine colabrating with YourQuote Didi