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"मां"♥️🙏 एक दुनिया है जो कहने पर नहीं समझती और मा

"मां"♥️🙏 एक दुनिया है जो कहने पर नहीं समझती और मां बिन कहे सब समझ जाती ,एक बच्चे की प्रथम शिक्षिका मां ही होती है और मां जैसा शिक्षा देती वैसा ही बच्चा बनता अगर वह अच्छी संगति और पर्यावरण प्राप्त करता है उदाहरण के लिए शिवा जी की मां ने शौर्य की शिक्षा दी शिवाजी वीर योद्धा हुए गांधी जी की मां ने सत्य की शिक्षा दी वो सत्यवादी हुए ऐसे बहुत से महापुरुष हुए जिन्होंने अपनी मां के प्रभाव और महत्व को अपने जीवन में बताया है , मां के अंदर दैवीय गुण होता है अक्सर बच्चों को भगवान का रूप कहा जाता है क्युकी वो उस समय वो मां के दैवीय छत्रछाया में रहते है और मां का सानिध्य उन्हे दैविकता प्रदान करता क्युकी मां का स्वरूप ही दैवीय होता मातृत्व जैसी भावना होती भगवान को भी जब लौकिक जगत में लीला करनी होती तो उन्हे भी मां की आवश्यकता होती मां एक शब्द नहीं भावना है मां में त्याग ,दया ,कोमलता,विश्वास ,रिश्तों की बुनियाद को धारण करने के अद्भुत गुण होता और यह गुण लगभग समस्त नारी जाति में होता है इसलिए उन्हे पुरुषों से श्रेष्ठ बताया गया है इसलिए आधुनिक समय में सबको समझने की जरूरत है मां देवी है मातृत्व सबसे महान गौरव का पद और नारी सबसे शक्तिशाली इसलिए नारी अपने गुणों को जीवित रखे और पुरुषों से तुलना स्वास्थ्य ,शिक्षा ,आत्मनिर्भरता ,जीवन स्तर से करे ,आंतरिक गुणों में वह पुरुषो से पहले ही बहुत आगे है ;samariya  #second quote
"मां"♥️🙏 एक दुनिया है जो कहने पर नहीं समझती और मां बिन कहे सब समझ जाती ,एक बच्चे की प्रथम शिक्षिका मां ही होती है और मां जैसा शिक्षा देती वैसा ही बच्चा बनता अगर वह अच्छी संगति और पर्यावरण प्राप्त करता है उदाहरण के लिए शिवा जी की मां ने शौर्य की शिक्षा दी शिवाजी वीर योद्धा हुए गांधी जी की मां ने सत्य की शिक्षा दी वो सत्यवादी हुए ऐसे बहुत से महापुरुष हुए जिन्होंने अपनी मां के प्रभाव और महत्व को अपने जीवन में बताया है , मां के अंदर दैवीय गुण होता है अक्सर बच्चों को भगवान का रूप कहा जाता है क्युकी वो उस समय वो मां के दैवीय छत्रछाया में रहते है और मां का सानिध्य उन्हे दैविकता प्रदान करता क्युकी मां का स्वरूप ही दैवीय होता मातृत्व जैसी भावना होती भगवान को भी जब लौकिक जगत में लीला करनी होती तो उन्हे भी मां की आवश्यकता होती मां एक शब्द नहीं भावना है मां में त्याग ,दया ,कोमलता,विश्वास ,रिश्तों की बुनियाद को धारण करने के अद्भुत गुण होता और यह गुण लगभग समस्त नारी जाति में होता है इसलिए उन्हे पुरुषों से श्रेष्ठ बताया गया है इसलिए आधुनिक समय में सबको समझने की जरूरत है मां देवी है मातृत्व सबसे महान गौरव का पद और नारी सबसे शक्तिशाली इसलिए नारी अपने गुणों को जीवित रखे और पुरुषों से तुलना स्वास्थ्य ,शिक्षा ,आत्मनिर्भरता ,जीवन स्तर से करे ,आंतरिक गुणों में वह पुरुषो से पहले ही बहुत आगे है ;samariya  #second quote