बेशक पिछले समय से काफी आगे निकल गए हैं हम, पर ये वो दौर है जहां हंसने के लिए भी लाफिंग क्लब जाना पड़ता है। कुछ भी मुफ्त नहीं मिलता अब, इंसान ही इंसान को खरीद रहा है अब। #सौदेबाजी #मुफ्त_में_कुछ_नहीं_मिलता