माई जय मढ़िया की कालिका हो माँ ====================== लखनकुंवर की नगरी रे रतनन की खान एक सुनारी मोहल्ला जहाँ बैठी मैया आन जय मढ़िया की कालिका हो माँ अमर भओ वो दानी रे भूमि कर दान उसी भूमि भओ माँ को मंदिर निर्माण जय मढ़िया की कालिका हो माँ सिद्ध तुम्हारो दिवाला रे छोटी माई कहाय माँग ले माँगनहारे कोई खाली न जाय जय मढ़िया की कालिका हो माँ चैत क्वाँर नौराते में लगे भगतों की भीड़ नयन नीर ले आवें मिटती हर पीर जय मढ़िया की कालिका हो माँ जय मढ़िया की काली माँ सुमरे जो कोय नाम लेत मिट जावे विपदा जो होय जय मढ़िया की कालिका हो माँ दास सुनारी मोहल्ला की करियो सुनवाई रखियो लाज हमारी जगजननी माई जय मढ़िया की कालिका हो माँ ========================= ©अज्ञात #navratri