इस खत के जरिये , तुम्हें एक फरमान कहते है हाँ हम तुम्हें अब बेईमान कहते है यु तो कोई हमारी जान न ले सका और जो जान ले गया, उसी को हम जान कहते है जिंदगी अपनी खुली किताब कर दी थी खता ये हुई कि, मुहब्बत बे हिसाब करदी थी वक़्त पे साबित कर दिया करो बाद मे कोई एतवर नही करता जो दिल से खुब सुरत न हो उसे कोई प्यार नही करता ये मुहब्बत का काफिला है यहाँ हाथ थामे चल करो जो हाथ छूट जाये तो कोई इंतजार नहीं करता ©S Talks with Shubham Kumar #roseday बईमान इश्क