एक दफा तो सोचा होता हमारे दर्द को ना कभी खत्म होगी दर्दे दिल की हकीकत किस्से कहे कोई सुनने वाला ही नहीं। किससे कहे कोई समझने वाला ही नहीं। कवायते करनी है बस यही करेंगे ता उम्र बीत जाए हालाते दर्द नहीं समझे गें। मुमकिन है वो दौर भी आएगा जो हमारे जख्मों पर मरहम लगाएगा...✍️ विनय पांडे #indianshyari #CalmingNature