निगाहें और नशा निगाहें छुपा कर वो हमार दिदार करते रहे नशें में भरी महफिल में हम इन्तज़ार करते रहे इन्तज़ार करते करते उनकी निगाहें हो चली भारी हम भी नशे में शराब से गहरी कर चुके यारी #निगाहें_शराब