तेरे नाम का व्रत शाम को जब तुम आना, साजन, चन्दा भी संग ले आना साजन तेरे नाम का व्रत रक्खा है मैने,अपने हाथो से ही खुलवाना साजन मैने सोलह श्रृंगार किया है,दुल्हन सा खुद को तैयार किया है तुम पहली रात के जैसे ,फिर मेरा घूंघट उठाना साजन मेरे हाथों पर मेंहदी से सखी ने तेरा फिर नाम लिखा है साजन तुम आकर पहले जैसे फिर अपने होंठों से इसे छू जाना साजन मैं निहारु तुमको छलनी से ,और चन्दा भी करे इशारे साजन चन्दा देखे जल कर और तुम सिन्दूर से मेरी मांग सजाना साजन शाम को ..............आना साजन आमिल क्या मेरी पंक्तियां पत्नी की भावना व्यक्त करती हैं 😜😍😜😍😜 Shaam ko jab tum aana sajan ,chanda bhi sang le aana sajan Tere naam ka vratt rakha h maine,apne haatho se hi khulwana sajan Maine soolaah shreengaar kiya h ,dulhan sa khud ko taiyaar kiya h Tum pehli raat k jaise ,fir mera ghoonghat uthaana sajan Mere haatho pr mehandi se sakhi ne tera fir naam likha h sajan