आपको बता दें कि देव ज्योतिषी और महादेवी काली मंदिर, मंदाकिनी तट के महंत अश्वनी पांडे के मुताबिक 6 सितंबर यानी आज दोपहर 3 बजकर 39 मिनट से अष्टमी तिथि लग चुकी है जो 7 सितंबर को शाम 4 बजकर 16 मिनट तक रहेगी. यानी 6 सितंबर की रात अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का संयोग बनेगा. इसलिए शैव परंपरा के लोग आज कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे और वैष्णव संप्रदाय में 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जाएगी.
कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व श्रीकृष्ण के जन्म (धरती पर अवतरण) दिवस उत्सव के रूप में मनाया जाता है और इस दिन उनके बाल रूप की पूजा की जाती है.
जन्माष्टमी पर जरूर सुनें ये कहानी
ईशा फाउंडेशन के संस्थापक और प्रमुख सद्गुरु ने अपने प्रवचनों में कई बार कृष्ण लीलाओं और उनसे जुड़ी कहानियों का जिक्र किया है. आज जन्माष्टमी पर हम आपको सद्गुरु की सुनाई ऐसी ही एक कहानी बता रहे हैं.
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