बादल लागा है , तो जरुरि नहि कि बारसात भि होगि धुवा उठा है ,बात कुछ खाश होगि इन्तिजार तो यु बर्सो से कर रहे है हम उन्कि पर लग्ता नहि कि अग्ले जनम तक मुलाकत भि होगि by-kumar Bishal # entijar ki ghadi