इस हकीक़त से बेहतर तो वो रातों का ख़्वाब है जो आजमाइशों से पड़े, ज़रा बेखौफ़ है । इस हकीक़त से वफादार तो वो रातों का ख़्वाब है जो लोगों के झूठे जुमलों से पड़े, कुछ पल के लिए तो हँसी का साझेदार है । हकीक़त या ख़्वाब ?? #हकीकत़_ख़्वाब #yqdidi #yqhindithoughts #hindiwriters