Nojoto: Largest Storytelling Platform

कबाड़ में हिंदी साहित्य से महंगा है अंग्रेजी साहित

कबाड़ में हिंदी साहित्य से
महंगा है अंग्रेजी साहित्य,
चौंका देते हैं अक्सर हमें,
अजीबोगरीब दिखते दृश्य।

रद्दी में सजी किताबें हिंदी की,
कहीं कोने में पड़ी हैं बेजान,
जबकि अंग्रेजी की चमकती जिल्दें,
बाजार में पाई जाती हैं मान।

जो शब्द कभी थे हमारी रूह का हिस्सा,
अब गुमनामी में सोए पड़े हैं,
दुनिया तो चल पड़ी है आगे,
पर हिंदी के सपने खोए पड़े हैं।

कैसे समझाएँ इस दौर को,
अपने लफ़्ज़ों की सच्चाई,
जहाँ अपनी जड़ें हैं कमजोर,
और विदेशी हवा ही है भाई।

उम्मीद की कुछ बूँदें अब भी बाकी,
संभालें उसे अपने दिल में कहीं,
शायद लौट आए वो दौर फिर,
जब हिंदी की कीमत हो सही।

©Balwant Mehta #BooksBestFriends
कबाड़ में हिंदी साहित्य से
महंगा है अंग्रेजी साहित्य,
चौंका देते हैं अक्सर हमें,
अजीबोगरीब दिखते दृश्य।

रद्दी में सजी किताबें हिंदी की,
कहीं कोने में पड़ी हैं बेजान,
जबकि अंग्रेजी की चमकती जिल्दें,
बाजार में पाई जाती हैं मान।

जो शब्द कभी थे हमारी रूह का हिस्सा,
अब गुमनामी में सोए पड़े हैं,
दुनिया तो चल पड़ी है आगे,
पर हिंदी के सपने खोए पड़े हैं।

कैसे समझाएँ इस दौर को,
अपने लफ़्ज़ों की सच्चाई,
जहाँ अपनी जड़ें हैं कमजोर,
और विदेशी हवा ही है भाई।

उम्मीद की कुछ बूँदें अब भी बाकी,
संभालें उसे अपने दिल में कहीं,
शायद लौट आए वो दौर फिर,
जब हिंदी की कीमत हो सही।

©Balwant Mehta #BooksBestFriends
balwantmehta6993

Balwant Mehta

Silver Star
New Creator
streak icon631