हज़रत उमर फारूक رضي الله عنه फरमाते हैं किसी की बे-बसी पे मत हँसो, कल ये वक़्त तुम पर भी आसकता है...। हज़रत उस्मान गनी رضي الله عنه. फरमाते हैं किसी की आँख तुम्हारी वजह से नम न हों, क्योंकी तुम्हें उसके हर आंसू का क़र्ज़ चुकाना होगा...। हज़रत अली رضي الله عنه. फरमाते हैं:- "मज़लूम और नमाज़ी की आह से बचो, क्योंकि आह किसी की भी हो अर्श को चीर कर اللّه के पास जाती है...।