Nojoto: Largest Storytelling Platform

आ गया फाल्गुन लेकर मस्ती के दिन पेड़ों पर कौंपल दे

आ गया फाल्गुन
लेकर मस्ती के दिन
पेड़ों पर कौंपल देख
मुस्काये मेरा मन।
मधु के प्याले छलकें आंखों 
देख गौरियों का तन
गींदड़ , डांडिया खेलकर
पाऊं उनका संग।
मेरा रोमांस फैल रहा
ज्यों बारहसिंगा के सींग
कचनार सी गोरियां
 सोच-समझ बढाइयो रे
 प्यार की पींग।।

©Mohan Sardarshahari
  #बारहसिंगा के सींग