नेह स्नेह की नींव व प्यार का रंगरोगन होता था जो घर, वर्तमान की आधुनिकता ने रिश्तों को छोड़ दिया अधर, निकल पड़ी वो खुशियां दबे पाँव लाँघ मतलबी चौखट, बन गया एक पुराना महल जैसे हो कोई एक वृद्ध सजर, अब ना वो बेशक़ीमती अपनापन नजर कहिं आता हैं, कभी खुशियों का जमघट होता था जो खुशहाल घर, वस्त्र परिवर्तन की भांति परिवर्तित हो गया अब वो मन, आज भी चीख उठती है, सुनी चीखे कौन सुने वो ध्वन? 👉 #collabwithपंचपोथी 👉 विषय - एक पुराना महल 👉 प्रतियोगिता- 14(मुख्य) __________________________________ 👉 समय - 24 घंटे तक 👉 collab करने के बाद comment में done लिखे 🍬 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।