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भीड़-भाड़ वाले रास्तों का ये सूनापन कैसा लगता है? स

भीड़-भाड़ वाले रास्तों का
 ये सूनापन कैसा लगता है?
सबके साथ रहकर भी
ये अकेला मन कैसा लगता है?
अरे तुम चाँद हो ना 
सितारों के बीच रहने वाले
अब बताओ ये खाली 
खाली सा गगन कैसा लगता है।
चिड़ियों की चहचहाहट या सवाल है
बताओ क़ायदों की कैद में कैसा लगता है?
फ़िज़ाओ ने अब अपनी अस्ल रंगत जानी
कि फैक्टरियों के धुएं के बगैर कैसा लगता है।
इंसान खुद को बेहद काबिल समझ रहा था
ख़ुदा ने फ़िर पूछ लिया!ये हस्र कैसा लगता है? भीड़-भाड़ वाले रास्तों का
 ये सूनापन कैसा लगता है?
सबके साथ रहकर भी
ये अकेला मन कैसा लगता है?
अरे तुम चाँद हो ना 
सितारों के बीच रहने वाले
अब बताओ ये खाली 
खाली सा गगन कैसा लगता है।
भीड़-भाड़ वाले रास्तों का
 ये सूनापन कैसा लगता है?
सबके साथ रहकर भी
ये अकेला मन कैसा लगता है?
अरे तुम चाँद हो ना 
सितारों के बीच रहने वाले
अब बताओ ये खाली 
खाली सा गगन कैसा लगता है।
चिड़ियों की चहचहाहट या सवाल है
बताओ क़ायदों की कैद में कैसा लगता है?
फ़िज़ाओ ने अब अपनी अस्ल रंगत जानी
कि फैक्टरियों के धुएं के बगैर कैसा लगता है।
इंसान खुद को बेहद काबिल समझ रहा था
ख़ुदा ने फ़िर पूछ लिया!ये हस्र कैसा लगता है? भीड़-भाड़ वाले रास्तों का
 ये सूनापन कैसा लगता है?
सबके साथ रहकर भी
ये अकेला मन कैसा लगता है?
अरे तुम चाँद हो ना 
सितारों के बीच रहने वाले
अब बताओ ये खाली 
खाली सा गगन कैसा लगता है।