खुशामद
चला कर के तीर तीखे नज़र के ,थक गए होंगे तुम्हारे नयन भी ,
बड़ी ठंडक और राहत मिलेगी ,बूँद दो उनमे दवा की डाल दूँ
बड़ी नाजुक है कलाई तुम्हारी ,दुखती होगी चूड़ियों के बोझ से ,
आओ उनको सहला के थोड़ा मलूँ और उनकी थकावट निकाल दूँ
इशारों पर जिनके मुझको नचाती ,थक गयी होगी तुम्हारी उँगलियाँ ,
इनको थोड़ा चटका के मालिश करूं,बनी ताकि रहे उनकी नरमियाँ #Love#Dil#poem#Comedy#शायरी#sholay