ये इश्क़ है ज़रा संभल के करना ये रुकता नहीं किसी एक जगह बड़ा ही चंचल बहुत ही नटखट ये रुकता नहीं किसी एक जगह रख लेना सहेज कर इसको ज़रा ये रुकता नहीं किसी इक जगह फूलों सा है नाज़ुक बड़ा कांटो सा भी चुभता ज़रा रख लेना सहेज कर ये रुकता नहीं एक जगह... वक्त भी दे देना इसे ये है ज़रा सा नकचढ़ा रख लेना ज़रा ख़्याल भी ये है ज़रा सा सिरचढ़ा ये इश्क है ज़रा संभल के करना ये रुकता नहीं है एक जगह चेतना