जीवन हुंकार तुम पाप करो हम पाप मिटाते जाएंगे, हा सरहद पर तिरंगा लहराने जाएंगे, तुम दस मारोगे हजार खड़े पाओगे, हमरी तबाही की अभिलाष में ढेर हो जाओगे। अब अश्रुपूर्ण समझौते नहीं इन्कलाब की बोली होगी, हमारे वीरों के आहुति के बदले देनी तुमको बली होगी, अब ना और विचार होगा सिंधु के माटी के ऊपर, संग हथियारों के वार होगा कश्मीर के घाटी के ऊपर। तुम संभल जाओ की पारा अब पार हो गया है, गुस्सा अपना उबल कर हथियार हो गया है, सामने आओगे तो बस गोली है चलेगी, तुम्हारे रक्त से ही अब ये हुंकार रुकेगी। तुम तो कायर निकले छुप के वार करते हो, निहत्थों पर इतना क्रूर अत्याचार करते हो, खुद को अल्लाह का नुमाएंदा समझते हो, कुरान की वाणी का खुद ही मतलब समझते हो। मजहब कभी नहीं कहता कि आपस में वार करो, न्याय कहता है कि जी भर के बदले को वार करो, हम थक गए है लाशों को कंधे पर उठाते उठाते, कुछ ऐसा करो की सामने वाला सो के ना जागे। तुम हमे क्या मिटाओगे गोली और बारुदों के वार से, तुम खुद खाख हो जाओगे हमारी ज्वाला के ताप से। जीवन हुंकार #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqmdwriting #yqmdwriter #yqwriters #yqdidichallenge #yqdidihindi