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हिमालय की कंदराओं से तुम बुलाते रहे, मेरी आज़ादी


हिमालय की कंदराओं से तुम बुलाते रहे,
मेरी आज़ादी का गीत गुनगुनाते रहे,
पर करती रही मैं, सही वक़्त का इंतज़ार।
चांँद पर बैठ तुम सपने भेजते रहे,
ख़्वाब मेरी आंँखों को सुनाते रहे,
रोशनी रूहों में भरते रहे बेशुमार,
पर करती रही मैं, सही वक़्त का इंतज़ार।
यातनाओं का भंँवर खींचता रहा मुझे,
हाथ बढ़ा तुम बुरे वक़्त से निकालते रहे,
बेड़ियांँ काटते रहे, गाते रहे गीत मल्हार,
पर करती रही मैं, सही वक़्त का इंतज़ार।
शनैः शनैः तुम्हें सब विस्मृत हो चला,
तमस फ़ैला, तुम विलीन हो गये, 
क्लान्त हो गयी गीतों की सुर ताल,
चीख रही, दे रही हूं आवाज़ें,
रूंँधा कंँठ, ख़ाली हो रही पुकार,
नहीं रहा अब, तुमको मुझपर ऐतबार।
आखिर क्यूं करते हैं हम, सही वक़्त का इंतजार? एक नज़्म वक़्त के नाम✍️..अक्सर हम सही वक़्त के इंतजार में मौजूदा वक़्त को नजरंदाज कर देते हैं..वक़्त के इशारों को नहीं समझ पाते और आने वाले वक्त के इंतजार में इन पलों को भी गवां देते हैं..फिर ना ये वक़्त बचता है ना सही वक़्त कभी आता है।
ज़िन्दगी का बस इतना ही तजुर्बा हुआ है जो पल है अभी उसी में जी लो क्यूंकि वक़्त कभी किसी का ना हुआ है।⏳

#namanandini 
#yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqhindipoetry #hindipoetry #yqdidihindi #नज़्म

हिमालय की कंदराओं से तुम बुलाते रहे,
मेरी आज़ादी का गीत गुनगुनाते रहे,
पर करती रही मैं, सही वक़्त का इंतज़ार।
चांँद पर बैठ तुम सपने भेजते रहे,
ख़्वाब मेरी आंँखों को सुनाते रहे,
रोशनी रूहों में भरते रहे बेशुमार,
पर करती रही मैं, सही वक़्त का इंतज़ार।
यातनाओं का भंँवर खींचता रहा मुझे,
हाथ बढ़ा तुम बुरे वक़्त से निकालते रहे,
बेड़ियांँ काटते रहे, गाते रहे गीत मल्हार,
पर करती रही मैं, सही वक़्त का इंतज़ार।
शनैः शनैः तुम्हें सब विस्मृत हो चला,
तमस फ़ैला, तुम विलीन हो गये, 
क्लान्त हो गयी गीतों की सुर ताल,
चीख रही, दे रही हूं आवाज़ें,
रूंँधा कंँठ, ख़ाली हो रही पुकार,
नहीं रहा अब, तुमको मुझपर ऐतबार।
आखिर क्यूं करते हैं हम, सही वक़्त का इंतजार? एक नज़्म वक़्त के नाम✍️..अक्सर हम सही वक़्त के इंतजार में मौजूदा वक़्त को नजरंदाज कर देते हैं..वक़्त के इशारों को नहीं समझ पाते और आने वाले वक्त के इंतजार में इन पलों को भी गवां देते हैं..फिर ना ये वक़्त बचता है ना सही वक़्त कभी आता है।
ज़िन्दगी का बस इतना ही तजुर्बा हुआ है जो पल है अभी उसी में जी लो क्यूंकि वक़्त कभी किसी का ना हुआ है।⏳

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