ख़ामोश निगाहें, आंसुओं का पहरा, दिल में दर्द और, लब पूछे सबब। ख़ामोश निगाहें ढूँढे, सबब बेरुखी का, पूछे सवाल दिल से, क्यू की मोहब्बत। हमने तो साफ रखा था अपना दिल, इन पर बेवफाई का पहरा ना था, ना ही कोई ख़्वाहिश थी, ना ही कोई रंजिश थी । एक वक़्त तो वह हमारे थे, आज हमारे खिलाफ हुए, और कभी चुप ना रहता मेरा किरदार, आज ख़ामोशी का सबब ढूँढे। -Nitesh Prajapati (Niharsh) ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1109 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।