Nojoto: Largest Storytelling Platform

सीखती हूँ अनवरत मैं ब्रह्मांड के कण-कण से । देख

सीखती हूँ 
अनवरत मैं 
ब्रह्मांड के कण-कण से ।

देखती हूँ
रस्सियों सा बल
एक किए हुए तृण तृण से ।

समझती हूँ 
लक्ष्य भेदन सूत्र
नन्ही चींटी के सतत श्रम से ।

विचारती हूँ 
ऊँचाई आसमां  की
परिंदों की ऊँची उड़ान से ।

जूझती हूँ 
दुर्गम परिस्थितियों में
सबक ले मरुस्थलीय प्रतान से ।

सोचती हूँ 
नाप लूँगी गगन मैं 
सारे रहस्य जान ज्ञान विज्ञान से ।।

©Seema varnika #सीखती हूँ
सीखती हूँ 
अनवरत मैं 
ब्रह्मांड के कण-कण से ।

देखती हूँ
रस्सियों सा बल
एक किए हुए तृण तृण से ।

समझती हूँ 
लक्ष्य भेदन सूत्र
नन्ही चींटी के सतत श्रम से ।

विचारती हूँ 
ऊँचाई आसमां  की
परिंदों की ऊँची उड़ान से ।

जूझती हूँ 
दुर्गम परिस्थितियों में
सबक ले मरुस्थलीय प्रतान से ।

सोचती हूँ 
नाप लूँगी गगन मैं 
सारे रहस्य जान ज्ञान विज्ञान से ।।

©Seema varnika #सीखती हूँ