मीरा हुई मोहन कि उसको था विश्वास आयेंगे मोहन छोड़ कर सब अपने रास छोड़ कर महलों की माया धन और दास सबको बिसार बस बनाया उसको खास ना देखा दिन रात ना देखा कोई मास डोला ना होंसला हुआ शरीर का ह्रास सारा जग वैरी हुआ फिर भी टूटी ना आस मोहन से प्रीत लगी तो आया जग ना रास दीवानी ने सिमरन किया जब तक रही श्वास ।। Meera #nojotohindi#हिंदी#poetry#Meera#devotion#love