वो थोड़ा सा नशा रखती है दूध पानी थोड़ा नाप कर लेती है थोड़ा मसालो के साथ उछलती है औऱ पक-पक कर सबको साज़ो कर रखती है किसी के लिए बात करने का मुद्दा रखती है चिंताओ की लकीरें हटाने की क्षमता रखती है मानता हूं भले ही छोटी सी कुल्हड़ की जगह लेती है लेकिन मेरी चाय मेरे लिए मेरी थकान की दवा रखती है उमंग