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#OpenPoetry नादान है वो __________ चालाकियां नही स

#OpenPoetry नादान है वो
__________
चालाकियां नही समझ आती उसे
थोड़ी सी नादान है वो,
कभी-कभी हंसते हंसते भी रो देती है
एक मासूम सी जान है वो,
चंचल सी चहकती है हरदम
खूंखार दुनिया से अनजान है वो,
मां-पापा को गर्व है उस पर 
उनकी तो शान है वो,
ख्वाब भी ऊंचे है उसके
एक ऊंची सी उड़ान है वो,
किसी का थोड़ा सा भी दुख देखकर 
हो जाती बहुत ज़्यादा परेशान है वो,
मगर चालाकियां नही समझ आती उसे
वो क्या है ना
थोड़ी सी नादान है वो।
©SanjuDeswal #OpenPoetry #nojoto #sanjudeswal #hindipoem
#OpenPoetry नादान है वो
__________
चालाकियां नही समझ आती उसे
थोड़ी सी नादान है वो,
कभी-कभी हंसते हंसते भी रो देती है
एक मासूम सी जान है वो,
चंचल सी चहकती है हरदम
खूंखार दुनिया से अनजान है वो,
मां-पापा को गर्व है उस पर 
उनकी तो शान है वो,
ख्वाब भी ऊंचे है उसके
एक ऊंची सी उड़ान है वो,
किसी का थोड़ा सा भी दुख देखकर 
हो जाती बहुत ज़्यादा परेशान है वो,
मगर चालाकियां नही समझ आती उसे
वो क्या है ना
थोड़ी सी नादान है वो।
©SanjuDeswal #OpenPoetry #nojoto #sanjudeswal #hindipoem
sanjudeswal7742

Sanju Deswal

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