ये इंतकाम कब तक चलेगा! नया तुफ़ान कब तक चलेगा! किसानों पर भी सियासत! हे भगवान! कब तक चलेगा! दिल में नफरतों का जखीरा, मुंह में राम कब तक चलेगा! ग़रीबी सर पटक कर रो रही है, ये गोदाम कब तक चलेगा! बेरोज़गारी हट रही है धीरे-धीरे, ये तकिया कलाम कब तक चलेगा! चुनाव के साथ ही अंदाज़ बदले, दूर से सलाम कब तक चलेगा! खेतों में भी ज़रा आकर तो देखो, सोफे पे आराम कब तक चलेगा! हमारे दर्द का एहसास कर लो, सिर्फ़ भाषण से काम कब तक चलेगा! #मौर्यवंशी_मनीष_मन #सियासत #ग़ज़ल_मन #किसान #किसान_आन्दोलन #चुनावी_जुमले