लहरों के बशेरों का हर पल है इम्तिहाँ फिर भी इस कश्ती पे दिल मेरा आशना आँखों में रंग तिरते डूबी सी नज़र है ये महज़ लम्हा नहीं ख़ुद एक उमर है शाद ये दिल मेरा ये अपनी ही सहर है न पाने की तमन्ना न खोने का डर है मिजाज़ भी रूमानी गंगा की ये रवानी कुछ भी कहो मेरा शहर तो मेरा शहर है #lovinglife#longlivelove#sisterly#Banaras