पिता घर का मज़बूत स्तंभ है, पिता रोटी कपड़ा और मकान हैं, पिता से नन्हें परिंदों में उड़ान है, पिता से बच्चों के सपनों में जान है, पिता से ही माँ की चूड़ी, बिंदी और सुहाग है, पिता से घर मे प्रतिपल राग है, पिता ही हमारे जीवन का आधार हैं, पिता से ही परिश्रम पाया हमने, पिता ही अस्तित्व हमारा हैं...., और लोग कहते है पिता.....आखिर डांटने के अलावा करते ही क्या हैं। #my father in law