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जाने उस दिन रोये कितनी वार जब तुम चले गये थे याद श

जाने उस दिन रोये कितनी वार
जब तुम चले गये थे याद शहर से बहार
कितनी खाई थी खातिर तुम्हारे 12वी में मार
वो वचपन की सुबह का इतबार
हम आज भी तुम्हारा ही  इंतज़ार
कोई नही आया आया ज़िन्दगी मे हमार
है कबूतर बता दे उनको ये समाचार आशिकी के दिन
जाने उस दिन रोये कितनी वार
जब तुम चले गये थे याद शहर से बहार
कितनी खाई थी खातिर तुम्हारे 12वी में मार
वो वचपन की सुबह का इतबार
हम आज भी तुम्हारा ही  इंतज़ार
कोई नही आया आया ज़िन्दगी मे हमार
है कबूतर बता दे उनको ये समाचार आशिकी के दिन